ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्नों को धारण करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है क्योंकि रत्नों में शाक्ति है, जो ग्रहों की बाधाओं को दूर कर जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और उन्नति देती है, जैसे कि रोजगार में बाधा, कन्या विवाह विलबं, संतान हीनता, आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह आदि। नवरत्नों में माणिक्य, मोती, मूंगा, पुखराज, पन्ना, नीलम, हीरा, गोमेद और लहसुनिया शामिल हैं। यदि एक से अधिक रतन एक साथ धारण करना हो तो ये देखना आवश्यक है कि उन रत्नों के ग्रह एक दुसरे के मित्र है या नहीं, यदि वे ग्रह मित्र है साथ में वे रत्न अधिक लाभ प्रदान करते हैं। रत्न हमेशा सर्व शुद्ध, स्वच्छ एवं सही वज़न का रत्न धारण करना चाहिए।
रंग और तरंग सभी व्यक्तिओं के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। रत्नों का प्रभाव भी इन्ही रंगों और तरंगों को प्रत्येक व्यक्ति के शरीर के सात चक्र ग्रहण करते हैं। रत्नों का उपयोग से शरीर, मानसिक स्वास्थ्य और कार्य प्रभावित होते हैं। रत्नों का लाभ मिलने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन गलत रत्नों को पहनने से नुकसान जल्दी होता है, इसलिए रत्नों के साथ उनसे सम्बंधित रुद्राक्ष भी धारण करने चाहिए, जिससे उनकी नकारात्मकता को काम किया जा सके। आइए जानें किस ग्रह का रत्न है।
यह सूर्य देव का रत्न है। सिंह राशि वालों के लिए यह खास महत्व का है। यह राजयोग लाने और व्यक्तित्व को सुधारने में मदद करता है।इसका उपयोग सूरज से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए किया जाता है।कन्या, तुला, मकर और कुम्भ लग्न वालों को माणिक्य धारण करने से चोट लगने, हड्डियों में दर्द और सिरदर्द संभव है।
चंद्र देव का रत्न है। इसे मीन और कर्क राशि वाले पहन सकते हैं। यह मन और शीत समस्याओं को दूर करने में अद्भुत है, लेकिन वृष, मिथुन, कन्या और मकर लग्न में यह घातक हो सकता है। मोती के नुकसान से मानसिक हालात बिगड़ने का खतरा रहता हैं।
मंगल ग्रह का रत्न है। यह रत्न मेष और वृश्चिक राशि वालों का साहस और आत्मविश्वास बढ़ाता है। ज्योतिष में लाल और नारंगी रंग के मूंगे बहुत आम हैं। मिथुन और कन्या लग्न वालों के लिए खतरनाक हो सकता है। लाल मूंगा किसी को नहीं पहनना चाहिए जो स्वभावतः क्रोधित हैं। मूंगा नुक्सान करने से दुर्घटना होती है और रक्त की समस्या होती है।
बुध का रत्न पन्ना है। यह मिथुन और कन्या राशि के लिए अत्यंत विशिष्ट है। यह व्यापार, नौकरी और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है। यह दिमाग और मन को मजबूत करता है, लेकिन मेष, कर्क और वृश्चिक लग्न में इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। पन्ना के खराब असर होने पर बुद्धि भ्रष्ट होती है या त्वचा में कोई समस्या होने पर इसे उतार देना चाहिए।
पुखराज बृहस्पति का रत्न है और धनु और मीन राशि वालों को सफलता दे सकता है। क्योंकि यह आध्यात्मिक शक्ति, वाणी, धर्म और ज्ञान में वृद्धि करता है। इसे वृष, तुला, मकर और कुम्भ लग्न में पहनना खतरनाक है मोटापे की समस्या वालों को भी नहीं पहनना चाहिए।
शुक्र का रत्न हीरा है। यह वृषभ और तुला राशि वालों को लाभ देगा। इससे इन राशियों के लोगों को सुख, समृद्धि और सम्मान मिलता है। यह प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण और सम्पन्नता का रत्न है, लेकिन इसका नुकसान वैवाहिक जीवन को बिगाड़ सकता है। यह वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुम्भ लग्न में विशेष फलदायक है, जबकि मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक और मीन लग्न में शुभ है। चंचल मन वालों को हीरा नहीं पहनना चाहिए। हीरे की जगह अमेरिकन डायमंड या सफेदा का प्रयोग हो सकता है।
शनि का नीलम रत्न है। नीलम रत्न को मकर और कुंभ राशि में धारण करने से भाग्य बढ़ेगा और प्रसिद्धि मिलेगी। कुंडली की सख्त जांच के बाद ही इसे पहनने की सलाह दी जा सकती है अगर इससे कुछ भी नुकसान होता है तो व्यक्ति जीवन भर के लिए परेशान हो जाएगा। सिंह लग्न में कभी भी नीलम नहीं प्रयोग करना चाहिए।
गोमेद राहु का रत्न है। इसमें नेतृत्व की क्षमता और काले जादू से बचाव की अद्भुत क्षमता है। इसे बिना ज्योतिषी कि सलाह के नहीं पहनना चाहिए। यदि आपका काम या व्यक्तित्व इसके अनुकूल हो तो इसे पहनिए; अन्यथा नहीं। नुकसान पहुंचने पर गोमेद स्वास्थ्य और पेट को खराब करता है।
लहसुनिया एक केतु रत्न है। यह व्यापार में हानि और नज़र दोष दोनों से बचाता है। यदि केतु आपकी कुंडली में अनुकूल है, तो इसे पहनें, नहीं तो आपको चर्मरोग या स्नायु रोग की समस्या हो सकती है।